Saturday 27 March 2010



स्पीड लेक्चर्स ------




एक बार फिर,,,,मै वी.एन.एस। लेक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड में आपका हार्दिक स्वागत करता हू.....


स्पीड लेक्चर्स एक ऐसा जरिया है,,,,एक ऐसी स्ट्रेटेगी हे,,जिससे हम अपना अनुभव कक्षा में विद्यार्थियों के सामने प्रस्तुत करेंगे,,,,मोटीवेटेड और एनरजाइस्ड अटमोसफियर क्रिएट करने के लिए....ताकि बच्चो की पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी और अधिक बढ़ जाए.....


लालचंदानी जी एवं बाबा नंदकिसोर जी को हर रविवार टेस्ट के बाद आमंत्रित कराएंगे....ताकि बच्चो को वे एक नयी राह दिखाए एवं उनकी समस्याओं का निपटारा करे,,,

Tuesday 23 March 2010


सफलता.......ग्रहों का खेल नहीं... श्रद्धा का खेल हे...

Monday 22 March 2010

नमश्कार.....आदरणीय पालकगन एवं मेरे प्रिय विद्याग्रिहार्थियो.......
जैसा के हम बात कर रहे थे...मुझे VNS LECTURES PVT LTD। नामक संस्था को कर्यांवृत पुरे ३ साल हो गए.....जिस प्रकार मनुष्य तीव्र गति से विकास कर रिया हे...विज्ञान जगत में कई नए रास्ते खुल रहे हैं... नयी नयी गतिविधियाँ हमारे जीवन को प्रकाशित कर री हे... और हम सय्युक्त हो कर एक नए उज्जवलित भाविश्श्य की ओर कदम बाधा रिये हे,,,एक नए जोश और जस्बे के साथ.......
आज मै जो कुछ भी हू,,,,जैसा भी हू.....बस अपने माता,पिता, मेरे सहयोगी मित्र,,,,एवं मेरे गुरु-वर माननीय सुखबीर जी... जिनके चरणों में तो मानो स्वर्ग बसा है....और जिनके आशीर्वाद सौ कोटि सोने से भी कीमती हैं......मुझे गर्व है के मै एक पूज्यनीय एवं प्रतिष्ठित गुरु का शिष्य हू........आज सुखबीर जी की पहुच न केवल भारतवर्ष में है,,,बल्कि वे विदेश के कई राज्यों में सूप्रसिद्ध है........
मेरे उप-गुरु श्री चन्दन जग्दीसिया जी,, जो की अर्थशास्त्र में अत्योजित हैं....उन्होंने कई प्रस्थापित स्थानों पर अपना ज्ञान विसर्जित करा...वे बेहद बुद्धिमान एवं सुरक बलशाली हैं... उनके हाथो में सोना और पैरो चांदी है,,,,ऐसा इसलिए क्युकी पुण्य दान करना तो उन्होंने अपने धर्म सम्मिलित कर लिया है...... उनका मानना है के हमारे देस में कई ग्रामीण इलाके हैं जिनमे उपयुक्त सुविधाओं में खामी है....वे बाढ़ पीड़ित क्षेत्र में जा कर स्वयं कपडे-पानी की व्यवस्था कराते हैं.... फिलहाल वे मुंबई में किसी चेरिटी ट्रस्ट में अपना योगदान दे रहे हैं....

ये तो हुए मेरे मान्यवर गुरु,,जिनसे प्रभावित हो कर मैंने यहाँ महत्वपूर्ण निर्णय लिया....
दोस्त.....जीवन में यदि मित्रो का अभाव हो तो यह संसार किसी मंगल ग्रह से कम नहीं.....मेरे ख़ास मित्रो में से एक था टीपू राज खुरैना.... बासुंदी की तरह मीठा बोलता,, दुकानदारों की चापलूसी करता,,,सभी व्यापारियों से व्यवहार बनाए रखता था.... कारण तो आप जान ही गए होंगे,,,,,वह एक गरीब सुनार का लड़का था,,,और चाहता के सार्री चीज़े उसे सस्ती मिल जाये,,इस घोर मेहेंगाई के जमाने में......हा हा हा हा हा हा ....जब भी हम मिलते,,,खूब ठहाके लगाते .... दिन भर हमारी मस्ती चलती,,,,,टीपू पढ़ाई में उतना तेज़ नहीं था,,,किन्तु उसमे देशप्रेम की अपार भावना उसके ह्रदय में समाई थी....वो लड़ना चाहता था,,,उसका सपना था के वो कारगिल युद्ध में शास्त्रविहार कर हिन्दुस्तान की हिफाज़त करे.....मुंबई २४/७ आतंकवादी हमलो का उसपर गहरा असर पड़ा,,,और तभी से उसने ठान लिया,,के जी जले या जान,,,,समाप्त करना है हमे पाकिस्तान,,,,,और आज देखो.....वो इंडियन आर्मी में कमांडर इन चीफ है..............


सन १९८८ में मेरी मुलाक़ात परविंदर जी से हुई.......वे विज्ञान-जगत के भोत बड़े विद्वान गुरु माने जाते हे......परविंदर जी की जितनी तारीफ़ कर लो उत्ती कम हे......परविंदर जी ने ३ साल पहले ही चन्द्रयान में अभिव्यक्त हुए एन.जी.टेक। सुपरसोनिक जनरेटर को आपरेट करा....मिसन सफल होने के बाद भोत खुसी हुई,,,,और दोड़ते दोड़ते मेरको फोन लगाया ....और बोले,,,ओये कमाल हो गया जी......ओ मेरी चार साल की महनत और मन्नत रंग ले आई.......में कल ही इंदौर रवाना होता हू,,,,,,सबको ये खुसखबरी सुनाने.....ओये आज तो चांदी हो गयी....बल्ले-बल्ले....." हम सब लोग परविंदर जी का स्वागत करने चले आये एअरपोर्ट,,,,उनको रिसीव करने.....और तबी अचानक उनका प्लेन क्रेस हो गया.....अरे भैय्या......कितनी खुसिया दिल में समेटे थे,,,पर सार्री की सार्री प्लेन के साथ क्रेस हो गयी....हे भगवान्...परविंदर जी इस जन्म में तो नहीं सही,,,,पर अगले जनम में तो भी कम से कम उनको चाँद की सेर कराना.....दिल के अरमान आसुओ में बह गए......खुदा न खास्ता उनकी आत्मा को सांति मिले ,,,"